हाय रे पिम्पल!

 

हां तो बालक बालिकाओं.कॉम

कइसन बा! हम जीवित हैं और अच्छे हैं ( कुछ ज़ादे ही अच्छे हैं वैसे, सब कहते हैं 😂😂 बस मम्मी को छोड़कर। हमरे सारे कांड जानती हैं न, तभी 🤫🤫)। कुछ दिन से फैमिली टाइम के कारण  हम थोड़े सुस्तिया गए 😴😴। इस बीच पता चला बड़के बड़के कांड हो गए इहाँ 😱😱। अब जिसने हमको तैरना सिखाया उनको बुड़ाओगे तो बिटिया बेटवा..तुमका गंगा जी में तीन चार सौ बार हर हर गंगे, शिव शिव गंगे, काशीपति विश्वनाथ गंगे 🏊🏊 करवाएंगे (हर हर गंगे वाला लाइन साक्षी के कमेंट से साभार। इतना बढ़िया लाइन उनके पापाजी सिखाए, हम भी सीख लिए जल्दी से 😇🤓)।

अभी कुछ दिन पहले प्रतिलिपि ने गरिमा मैम की रचना कनपुरिया रोस्टर पर कुछ घोर आपत्ति जतलाई🧐। भाई लोग  हम बहुत ज़ोर से मानते हैं कि किसी का मन दुखाना बुरी बात है, बहुत बुरी। पर ये बताइए अब हमरा फेस पर एगो पिम्पल आ गया तो क्या उसकी फीलिंग के चक्कर में हम अपने फेस का फेस खराब कर लें 🤷? बेचारा हमारा चौखटा वैसे भी कुछ खास नहीं है🥴🥴। ऊपर से इसको हम कलर भी नहीं करते💅💅। अब इसके ऊपर अगर पिम्पल रानी विराज गईं तो हम का करेंगे बताइए?
इसलिए जैसा भी पिम्पल हो छोटा, बड़का, सूखा या पानी वाला इलाज तो करना पड़ेगा। इलाज बनता नहीं भाइयों सिर्फ खाना बनता है 👩‍🍳और मज़ाक...इसलिए बोलना भी मत कि इलाज तो बनता है!

अरे भाई, पाठक और लेखक का अपना एक रिश्ता होता है। हंसी मज़ाक, टांग खिंचाई और इधर उधर की बातें आपस में हम सब निपटा रहे थे🤗..तुम कहाँ से हमरे दाल राइस🍱 में मिकी मूस 🐀बन कर प्रकट भए हो? रहा रचना तो रचनाकार वही जो तिनके पर भी महाकाव्य लिख मारे, पिम्पल का क्या है🤷?अब ऐसा है भाई लोगन कि सब कहते हैं हमने तुम्हरे फटे में अड़ा दी तुम हमरे में अड़ा दो। ऐसे तो न कोई पढ़ पाएगा न लिख पाएगा..सब लगे रहेंगे एक दूसरे के साथ और प्रतिलिपि बन जाएगा दंगल दंगल...🤼🤼

तो हमको दंगल नहीं लड़ना बाकी आप लोग देख लो...

शेक्सपीअर काका बिना मतलब बोल गए थे 'नाम में का रखा है!' आज की दुनिया में तो नाम पर ही सब बनता बिगड़ता रहता है। तो बालकों पिम्पल प्रजाति को भी शायद एक नाम पर ही आपत्ति हुई। पर बालकों और एंजल प्रियाओं यदि आप इतने ही फूलकुमारी💐💐 हैं तो अपने बागों में 'मैं चली, मैं चली...' करिए न! काहे हमरे गार्डन में आके छंटाई के चक्कर में हमरा पूरा टेपेस्ट्री खराब कर दिया🤦🤦? वैसे भी हमको तो डर है कि किसी दिन किसी को हमरे नाम पर भी आपत्ति हुई तो वो भी न बदलवा दें। इत्ते प्यार से हमारा नाम भावना रखा गया था..अब चपक चुका है हर जगह! दुसरका नाम में नहीं है न वो अपना वाला फीलिंग।

जिओ और जीने दो को थोड़ा गौतम गम्भीर लो और अमूल कूल रहो भइया। काहे से कि ई सब में हमका आ जाती है जोरों की power nap। तो हम जा रए बूटी स्लीप लेने 😴😴

100 टका अपनी
फीलिंग्स


Comments

Popular posts from this blog

मेरी बला से

अजब गजब ई लोग